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बजट 2025 – विस्तृत विश्लेषण और प्रभाव

बजट 2025 – विस्तृत विश्लेषण और प्रभाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025-26 प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य विकसित भारत (Viksit Bharat) 2047 की दिशा में कदम बढ़ाना है। यह बजट मध्यम वर्ग को कर में राहत, MSME और कृषि क्षेत्र में सुधार, नवाचार एवं बुनियादी ढांचे के विकास, और निर्यात वृद्धि को प्राथमिकता देता है।

बजट 2025-26 को चार प्रमुख विकास इंजन पर केंद्रित किया गया है:

  1. कृषि और ग्रामीण विकास – किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं।
  2. MSME और विनिर्माण – छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वित्तीय समर्थन और व्यापार करने में आसानी।
  3. निवेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार – लॉन्ग-टर्म विकास के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर और PPP मॉडल।
  4. निर्यात और वैश्विक व्यापार – भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना।

1. आयकर में राहत – मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणा

मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सरकार ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) में कर मुक्त आय सीमा ₹12 लाख कर दी है, जबकि वेतनभोगी करदाताओं के लिए ₹12.75 लाख तक की आय कर मुक्त होगी।

नया आयकर स्लैब 2025-26

कुल वार्षिक आय (₹)

कर दर (%)

0 - 4,00,000

0% (कर मुक्त)

4,00,001 - 8,00,000

5%

8,00,001 - 12,00,000

10%

12,00,001 - 16,00,000

15%

16,00,001 - 20,00,000

20%

20,00,001 - 24,00,000

25%

24,00,001 से अधिक

30%

यह कर राहत केवल नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) अपनाने वाले करदाताओं को मिलेगी, जिससे पुराने कर ढांचे को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा।

2. कर सुधार और TDS/TCS में बदलाव

TDS/TCS में बदलाव:

  • TDS में राहत:
    • किराए पर TDS छूट की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की गई।
    • वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय पर कर मुक्त सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई।
  • रिजर्व बैंक (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत
    • विदेश में भेजे जाने वाले फंड्स पर TCS सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई।

कॉर्पोरेट और निवेश कर सुधार

  • बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई।
  • स्टार्टअप्स और MSME कंपनियों के लिए टैक्स राहत।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट स्कीम 2030 तक बढ़ाई गई।

3. राजकोषीय नीति और बजट अनुमान

वित्तीय घाटे का लक्ष्य

  • 2024-25 (संशोधित अनुमान) – GDP का 4.8%
  • 2025-26 (बजट अनुमान) – GDP का 4.4%

सरकार की आय और व्यय

  • 2024-25 में कुल कर प्राप्ति: ₹31.47 लाख करोड़
  • 2025-26 के लिए अनुमानित कर प्राप्ति: ₹34.96 लाख करोड़ (11% वृद्धि)
  • 2025-26 में सरकार का कुल व्यय: ₹50.65 लाख करोड़ (7% वृद्धि)

4. कृषि और ग्रामीण विकास

कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई:

  • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में सिंचाई, भंडारण और वित्तीय सहायता।
  • आत्मनिर्भर दाल उत्पादन मिशन – अगले 6 वर्षों में तूर, उड़द और मसूर दालों की पैदावार बढ़ाने की योजना।
  • कपास उत्पादकता मिशन – 5 साल का प्लान ऊँची गुणवत्ता वाले कपास के उत्पादन के लिए।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख।

5. MSME और स्टार्टअप्स को समर्थन

MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग और क्रेडिट की सीमा बढ़ाई गई:

  • माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज़ के लिए क्रेडिट सीमा ₹10 करोड़।
  • निर्यात बढ़ाने के लिए MSMEs को ₹20 करोड़ तक टर्म लोन।
  • स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स।

6. निवेश और बुनियादी ढांचा सुधार

  • PPP इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स – हर मंत्रालय को 3 साल की पीपीपी परियोजनाओं की योजना बनाने की बाध्यता।
  • न्यूक्लियर एनर्जी मिशन – 2047 तक 100 GW क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य।
  • जल जीवन मिशन – 2028 तक 100% ग्रामीण घरों में पानी की आपूर्ति।

7. निर्यात और व्यापार वृद्धि

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीकों और व्यापार सहूलियतों को लागू किया जाएगा:

  • BharatTradeNet (BTN) – व्यापार वित्तपोषण और दस्तावेज़ीकरण के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण – इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा।

बजट 2025 का आम जनता पर प्रभाव

1. मध्यम वर्ग के लिए राहत

नए कर ढांचे से 12 लाख तक की आय कर मुक्त होने से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।

2. छोटे व्यवसाय और MSMEs के लिए प्रोत्साहन

क्रेडिट लिमिट बढ़ने से छोटे उद्योगों के विस्तार और स्टार्टअप्स को सहायता मिलेगी।

3. निवेशकों के लिए बेहतर अवसर

MSMEs और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में टैक्स छूट से लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

4. ग्रामीण भारत और किसान कल्याण

किसानों के लिए आसान वित्तीय सहायता और उच्च उत्पादकता योजनाएं कृषि क्षेत्र को मजबूती देंगी।

निष्कर्ष

बजट 2025-26 विकासशील भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयकर में राहत, MSME सेक्टर का विस्तार, निवेश सुधार और ग्रामीण विकास की योजनाएं इस बजट को आर्थिक सुधार का बजट बनाती हैं।

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